देशभक्त के चरण स्पर्श से कारागार अपने को स्वर्ग समझ लेता है , इन्द्रासन उसे देखकर काप उठता है , देवता नंदन कानन से उसपर पुष्प वृष्टि कर अपने को धन्य मानते है ...., कल कल करती हुई सुर-सरिता और तांडव नृत्य में लीन रुद्र उसका जय जयकार करते है .........
तुमने दिया देश को जीवन, देश तुम्हे क्या देगा ?? अपनी आग तेज रखने को नाम तुम्हारा लेगा ......
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